" यह पूर्णिमा, शरद पूर्णिमा "
यह निर्दोष सारंग
सुधाकर,
शरद पूर्णिमा का ... ...
सबसे उज्ज्वल,
कहीं कोई दाग नहीं ...
शरद पूर्णिमा का चन्द्रमा,
सौंदर्य का भी है प्रतीक ये
रूपसी यामिनी का
चमचमाते सितारों जड़ा,
गहरा नीला आँचल
और
उस पर थिरकता
बड़ा सा चमकता
पूर्ण चन्द्र ....
अमृत वर्षा करता हुआ
पूर्ण चंद्र ...
पूर्ण मन ... !!
© कंचन पाठक.
मेरे मन के आकाश में
ReplyDeleteअगर तूँ चंद्रमा बन जाए
तो मैं इस चन्द्रमा से क्यों
प्रकाश मागूँगा ?
कंचन जी आपका बहुत - बहुत धन्यवाद