Friday 18 October 2013

" यह पूर्णिमा, शरद पूर्णिमा "


यह निर्दोष सारंग
सुधाकर,
शरद पूर्णिमा का ... ...

सबसे उज्ज्वल,
कहीं कोई दाग नहीं ...
शरद पूर्णिमा का चन्द्रमा,
सौंदर्य का भी है प्रतीक ये
रूपसी यामिनी का
चमचमाते सितारों जड़ा,
गहरा नीला आँचल
और
उस पर थिरकता
बड़ा सा चमकता
पूर्ण चन्द्र ....
अमृत वर्षा करता हुआ
पूर्ण चंद्र ...
पूर्ण मन ... !!
© कंचन पाठक.

1 comment:

  1. मेरे मन के आकाश में
    अगर तूँ चंद्रमा बन जाए
    तो मैं इस चन्द्रमा से क्यों
    प्रकाश मागूँगा ?

    कंचन जी आपका बहुत - बहुत धन्यवाद

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